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BEST SAFAR.

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हेलो मेरा नाम राज है और मैं ३५साल का हूँ. मैं नागपुर का रहने वाला हूँ. ये इतफक है जो मैं आज यहां बताने जा रहा हूँ, मेरी पदोसवाली आंटी का नाम शबाना है. उनकी आगे 45 साल है और उनका फिगर 36-38-40 है. आंटी हमेशा सारी ही पहनते. और एक हिन्दुस्तानी औरत की त्ररह ही हाथों मैं बहुत सारी चूड़ियां(बांगेल्स), पाओ मैं पायल पहनते है. और माथे पर बिंदी लगती है. अब मैं स्टोरी पर आता हूँ. मेरी आंटी के बारे में बता दू के मेरी आंटी दिखनेमे एक खूबसूरत मोटी बूब्सके बड़े बड़े सफेदी कि झनकार है इन्सिडेंट आज से 2 साल पहले हुआ जब हम नागपुर से भुसावल जा रहे थे. बडनेरा मैं और आंटी जा रहे थीं. हमने एक स्लीपर बस मैं स्लीपर बस बुक करवाया पर स्लीपर बस नहीं मिला पर बस मिली. हम शाम को बस चलने की जगह फूच गये और बस अपने टाइम से चली. करीब १ घंटा बाद बस एक जगह रुकी वहां कुछ सवारी या उत्तर गयी और उसके कारण एक स्लीपर खाली हो गया. तो कंडक्टर हमारे पास आया और उसने मुझे स्लीपर फ्री होने के बारे मैं बताया और बोला अगर हमारी इच्छा हो तो वहां जा सकते है. मैंने स्लीपर लेने की हां कर दी. पर प्राब्लम थी , वो यह की स्लीपर एक आदमी के लिए

SAFAR

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  एक बार में मुबई जा रहा था इटरवी व के लिए उस दिन मेरा बर्थ डे था में बहोत् मायूस होकर भी जाना पड़ रहा था मैंने अपना बी.टेक २०१३ में कम्प्लीट किया हैं. और फिर वही जॉब के लिए इधर उधर, यह साली जिन्दगी. मैंने अपने जॉब के लिए बहुत एजंसी और कंसल्टेंट्स को अपनी डिटेल दी हुई थी. यह बात फेब्रुआरी २०१४ की हैं. मैं अपने बर्थ-डे की तैयारी में लगा हुआ था. साला तभी एक एजंसी से कॉल आया की मुझे मुम्बई जाना हैं इंटरव्यू के लिए. मैं बहुत मूडलेस हो गया लेकिन जॉब का सवाल था इसलिए बर्थडे को छोड़ के दुसरे ही दिन मैंने ट्रेन पकड ली. ट्रेन पूरी खाली थी, ७२ लोगो की कैपेसिटी के सामने मुश्किल से १५ लोग थे ट्रेन में. शायद ठण्ड की वजह से लोगों ने केंसल कर दिया होगा. मैं अकेला बोर हो रहा था इसलिए मैं मोबाइल के ऊपर ही सेक्स की कहनी पढने लगा. ट्रेन सही समय पर स्टेशन से छूटी. मैं स्टोरी में डूब सा गया था उस वक्त. मुझे लगा की अभी मुठ मार लेनी चाहिए क्यूंकि स्टोरी पढ़ते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. वैसे भी टेंशन थी बर्थडे ख़राब होने की, और मुठ मार लेने से अच्छी अच्छी टेंशन दूर हो जाती हैं मेरी तो. कहानी पढ़ते पढ़ते कब नाशिक

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  अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को विनोद का प्यार भरा नमस्कार, मैं नागपुर का हूँ और अमरावती यूनिवर्सिटी से से पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा आज मैं भी अपनी एक रियल चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दूँ. मेरा नागपुर से मुबंई ट्रेन से आना जाना रहता था. इसी दौरान एक बार की यात्रा के मेरी मुलाक़ात एक लड़की से हुई, जिसका नाम शबाना था. शबाना के बारे में आपको मैं विस्तार से बताता हूँ. शबाना का फिगर 32-26-32 का था, जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए और रंग ऐसा, जैसे कि बॉलीवुड की पुरानी तारिका सायरा बानो दूध से नहाकर आई हो. हुआ यूं कि जब मैं नागपुर से मुबंई आ रहा था, तो जैसा कि मुझे विंडो सीट पसंद थी, तो मैं सीट पर बैठ गया और ट्रेन चलने का इंतजार करने लगा. ये ट्रेन अधिकतर भरी रहती थी और इसमें रिजर्वेशन का कोई झंझट नहीं था. हालांकि इस वक्त मेरी बगल वाली सीट खाली थी. कुछ देर बाद एक औरत मेरी सीट के पास आकर पूछने लगी- क्या ये सीट खाली है? मैंने हां में जबाब दिया. तभी उसने अपनी बेटी शबाना को बुलाया- शबाना बेटा यहां आ जाओ, सीट मिल गयी है. जैसे ही वो अन्दर आई, कसम से मैं उस