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नवंबर 5, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दोस्त की मां

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आंटी की शराफत

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महाराष्ट्र से हूँ और मेरी उम्र अभी 24 साल है. सब लोग अपनी अपनी सच्ची कहानी लिखते हैं तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी एक वास्तविक घटना लिख दूं जिसने मेरी ज़िंदगी को एक नए मोड़ पर लाकर रख दिया है. यह कहानी तब की है जब मैं अभियांत्रिक के आखिरी वर्ष में था. हाल ही में हमने पुणे में एक नया घर लिया था. घर उसी कॉलोनी में था जिस कॉलोनी में हम पहले किराए पर रहते थे. चूंकि मैं अभियांत्रिक की पढ़ाई कर रहा था तब किराया बहुत हो जाता था तो हमने खुद का घर ले लिया. घर ढूँढने में मेरे पिताजी के सहकर्मी की बीवी ने हमारी सहायता की और उनके बाजू वाली बिल्डिंग में ही हमें एक घर मिल गया. घर बहुत अच्छा था और मेरे पिताजी काम के सिलसिले में कभी कभार बाहर जाते थे. वैसे ही आंटी, जिन्होंने हमें घर ढूंढने में मदद की थी, उनके पति साल में 10 महीने बाहर रहते थे तो उनको भी मेरा सहारा मिल गया. आंटी का नाम हेमा (बदला हुआ नाम) था जो कि बहुत कामुक औरत थी और हेमा आंटी ही इस कहानी की मुख्य नायिका है. आंटी यहां पुणे में अकेली ही अपनी दो लड़कियों के साथ रहती हैं जिनमें से एक जॉब करती है जो मेरे से बड़ी है और दूसरी मेरे से 1 सा

बुवा के साथ

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  यह बात करीब एक साल पहले की है. मैं नौकरी ढूँढ रहा था, तो मेरी बुआ जी ने मुझे एक जगह जॉब बताई और कहा कि मैं उनके यहां आ जाऊं, तो वहीं से जॉब के लिए इंटरव्यू दे दूं, तो आसान रहेगा. उनकी इस बात पर मैं भी तैयार हो गया. मेरी बुआजी लखनऊ में रहती हैं. उनके साथ उनके पति और उनके दो बच्चे एक लड़का, एक लड़की रहते हैं. बुआ के दोनों बच्चे अभी बहुत छोटे हैं. मैंने अगले दिन अपना सामान पैक किया और दोपहर तक घर निकल लिया. बुआ के घर के लिए मैं स्टेशन पर पहुंचा, तो पता चला ट्रेन लेट है. मैं वहीं बैठकर ट्रेन आने का इन्तजार करता रहा. फिर 2 घंटे के बाद ट्रेन आ गई, तो मैंने ट्रेन में सीट देखी और बैठ गया. गर्मी के दिन थे शाम भी हो गई थी, तो ट्रेन में भीड़ भी थी. मैं पहले खाली सीट देख कर बैठ गया था, तो अच्छे से बैठा रहा. ट्रेन बहुत धीरे धीरे चल रही थी, बार बार रुक रही थी, इस वजह से ट्रेन काफी लेट हो गई. मुझे बुआ के घर पहुंचने में रात के 9 बज गए. जब मैं लखनऊ पहुंचा, तो वहां मौसम खराब था और बहुत जोरों की आंधी चल रही थी. मैं जैसे तैसे बुआ के घर पहुंचा, तो वहां आंधी की वजह से लाइट भी जा चुकी थी. गर्मी लगने के कार

चचेरी बनों

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यह कहानी बताने में मुझे बहुत मजा आ रहा है लेकिन इसे जब मैंने अन्जाम दिया तब तो मुझे बहुत मजा आया। मेरी चचेरी बहन सोनिया अभी 19 साल की है जिसको मैंने चोदा था। लंबाई उसकी ज्यादा नहीं है कोई पाँच की होगी। लेकिन उसकी चूचियाँ बड़ी-बड़ी है। वो स्मार्ट भी है है। उसकी गाण्ड पीछे से उभरी हुई भी है। एक दिन जब हम लोग सभी शादी में गए थे उस दिन वो घर में थी। हम लोग सब शादी में थे तभी उसकी मम्मी ने मुझे घर जाने को कहा। खाना लेकर जाना था। मैंने गाड़ी निकाली फ़िर जब मैं घर में पहुंचा तो मैंने दखा कि घर में कोई नहीं था। फ़िर मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आई। वो नहा रही थी। फ़िर मैं बैठ गया फ़िर मैंने देखा कि उसके बाथरूम के दरवाजे में होल था। मैंने जब उस होल से अन्दर देखा तो मेरे होश उड़ गए। सोनिया अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी। यह देख कर मैं पागल हो गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। फ़िर मैंने देखा कि वो अपने हाथों से अपनी चूचियों को सहला रही थी। उसके चेहरे के भाव देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैं अपने लण्ड को सहला रहा था। फ़िर देखने लगा। मुझे यकीन नहीं हो रहा था यह ऐसे भी कर सकती है। फ़िर मैं

चचेरी बहनों

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  हम लोग शुरू से शहर में रहते थे। मेरे पिताजी सरकारी नौकरी मे थे। मैं घर मे सबसे छोटा हूँ। मेरी बहन मुझसे छोटी थी क़रीब 5 साल की थी। शुरू मे तो ऐसा कोई ख़्याल नही आया, मगर धीरे धीरे मन सेक्स की तरफ़ होने लगा। हम लोगो का कमरा छोटा था और हमलोग सब एक ही बेड पर सोते थे। मैं अक्सर अपनी बहन के बगल मे सोया करता था। रात मे सोते समय मेरे हाथ उसके पेट को छूते थे। मुझे तो आकर्षण महसूस होता था मगर उसके बारे मे मुझे कुछ पता नही चल पाता था। एक दिन मैंने उसके स्तन को छुआ तो उसने थोड़ा विरोध किया मैंने तुरत अपना हाथ हटा लिया। फिर मैंने एक बार कोशिश की लेकिन फिर से हटा दिया मगर कुछ बोला नही मुझे भी डर लग रहा था क्योंकि मेरी मा और मेरी अपनी दोनो बहन भी बगल मे सोई हुई थी। दूसरे दिन मैंने फिर से कोशिश की इस बार मैंने उसके स्तन को तोड़ा ज़ोर से प्रेस किया इस बार उसकी थोड़ी सहमति थी मैंने धीरे धीरे काफ़ी देर तक प्रेस किया शायद उसे भी आनंद आ रहा था। ये कार्यक्रम काफ़ी दिनो तक चला। एक दिन उसने मुझसे पूछा की आप ऐसा क्यों करते है तो मैंने बोला की क्यों तुम्हे पसंद नही है तो उसने कहा नही ऐसी कोई बात नही मगर किसी

मेरे दोस्त की बीवी

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  मेरे पास वाले फ्लैट में एक नई फैमिली आई है. उस फैमिली में सिर्फ पति पत्नी दो ही बन्दे रहते हैं. उनकी शादी अभी हाल में हुई है. मेरी उनसे बहुत अच्छी पहचान हो गई है. पति का नाम सुरेश है और वो एक सेल्स मैनेजर है.. भाभी का नाम श्वेता है. सुरेश भैया मुझे अपने भाई की तरह मानते हैं. उनका कोई भी सगा भाई या बहन नहीं है. श्वेता की और मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है. हम कई बार अकेले रहते थे. सुरेश भैया तो अपने काम के सिलसिले में महीने में कम से कम 15-18 दिन आउट ऑफ़ सिटी रहते थे. वो मेरे भरोसे पर श्वेता को अकेले रहने देते थे. मैं और श्वेता एक दूसरे से हंसी मजाक भी खूब करते हैं. श्वेता बहुत ही शरारती लड़की है. श्वेता की उम्र अभी केवल 20 साल है और उसका फ़िगर 34-28-36 का है. एकदम दूध सा गोरा रंग और गुलाबी होंठ है. श्वेता बहुत ही सेक्सी लगती है. मैं कभी उसे छू भी लेता तो वो मुझे कभी मना नहीं करती थी. एक बार श्वेता ने मुझे शाम को खाना खाने बुलाया. उस समय सुरेश भैया दस दिनों के लिए टूर पर गए थे. मैं शाम को करीब 6:30 खाना खाने गया तो श्वेता खाना बना रही थी. उसने क्रीम कलर का गाउन पहना हुआ था, जिसमें उसकी

मामा के घर

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  एक बात खास तौर पर बताना चाहूँगा कि मेरे नानाजी का परिवार लाहौर से अमृतसर 1947 में आया था और यहाँ आकर बस गया। पहले तो सब्जी की छोटी सी दुकान ही थी पर अब तो काम कर लिए हैं। कॉलेज के सामने एक जनरल स्टोर है जिसमें पब्लिक टेलीफ़ोन, कम्प्यूटर और नेट आदि की सुविधा भी है। साथ में जूस बार और फलों की दुकान भी है। अपना दो मंजिला मकान है और घर में सब आराम है। किसी चीज की कोई कमी नहीं है। आदमी को और क्या चाहिए। रोटी कपड़ा और मकान के अलावा तो बस सेक्स की जरुरत रह जाती है। मैं बचपन से ही बहुत शर्मीला रहा हूँ मुझे अभी तक सेक्स का ज्यादा अनुभव नहीं था। बस एक बार बहुत पहले मेरे चाचा ने मेरी गांड मारी थी। जब से जवान हुआ था अपने लंड को हाथ में लिए ही घूम रहा था। कभी कभार नेट पर अन्तरवासना पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ लेता था और ब्लू फ़िल्म भी देख लेता था। सच पूछो तो मैं किसी लड़की या औरत को चोदने के लिए मरा ही जा रहा था। मामाजी और मामी को कई बार रात में चुदाई करते देखा था। वहीं 42 साल की उम्र में भी मेरी मामी सविता एकदम जवान पट्ठी ही लगती है। लयबद्ध तरीके से हिलते मोटे मोटे नितम्ब और गोल गोल स्तन तो देखने वालों पर

नेपाली भाभी

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दोनो को चोद कर

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  मैं आज आपको दो आंटी को चोदने की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। मैं २५ साल का युवक हूं मुझे चोदने कि बहुत इच्छा थी लेकिन मुझे किसी को चोदने का मौका नहीं मिला था। मेरी पड़ोस में एक यंग कपल (जोड़ा) रहता था। उनके साथ मेरे घरवालों का अच्छा रिश्ता था। उनके घर मेहेमान आये थे उन दोनो की मां एक साथ आयी थी। दो तीन दिन के बाद मेरे घर वालों ने और उस कपल ने बाहर घुमने प्रोग्राम बनाया, मुझे जरूरी काम था इसलिये मैं जाने वाला नहीं था मैं घर में ही रहने वाला था। उस कपल ने मेरे घर वालो को बोला की दीपक (मेरा नाम)हमारे घर खलेगा क्योंकि उनकी दो मातायें भी जाने वाली नहीं थी। मैं उनकी बातों पर मंजूर हो गया। दूसरे दिन वो सब घूमने के लिये चले गये. मैं ओफ़िस से वापस आने के बाद फ़्रेश होके टी वी देखता था तब फोन करके मुझे खाने को बुलाया। मैं गया मैं ने बेल बजायी एक आंटी ने दरवाजा खोला मैं घर में गया। मैने घर में जाके उन दोनो को देखा और मैं चकित हो गया वो दोनो बहुत ही खूबसूरत थी कोई सोच भी नहीं सकता कि वो एक ३५ साल के कपल की मातायें थी। उन दोनो ने साड़ी पहन रखी थी उनका ब्लाउज़ को उनके बूब्स पकड़के रखने में तकलीफ़ होती हो